sacchi baatein जिंदगी की सच्ची बाते
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''जिंदगी की सच्ची बाते''
[1]
बहुत देखा जीवन में समझदार बनकर पर,
ख़ुशी हमेशा पागल बनने पर ही मिलती है !
[2]
लोग कहते है की वक़्त गुजर रहा है,
पर वक्त कहता है की लोग गुजर रहे है।
[3]
जिंदगी में कभी किसी को बेकार मत समझण,
क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय दीखती है।
[4]
बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती है
काले तो आधे घंटे में हो जाते है !
[5]
हुनर तो सब में होता है बस फर्क सिर्फ इतना है,
किसी का छिप जाता है किसी का छप जाता है !
[6]
कब मिल जाए किसी को मंजिल मालुम नहीं,
इंसान के चेहरे पे उसका नसीब लिखा नहीं होता!
[7]
खुश किस्मत होते है वो शख्स
जिसको किसी के दिल में पनाह मिलती है।
[8]
मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है,
मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ है।
[9]
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर,
किताब सीने पे रखकर सोए हुए एक जमाना हो गया।
[10]
हजारो खुशबुए दुनिया की उस खुश्बू से छोटी है,
ज़ो भूखे को सामने पक रही रोटी से आती है।
[11]
खुदखुशी के लिए थोड़ा जहर काफी है
मगर जिंदगी जीने के लिए काफी जहर पीना पड़ता है।
[12]
हमसफ़र कितना ही सच्चा और प्यारा क्यों न हो,
घर से बिछड़ने का दुःख एक बेटी ही समझ सकती है।
[13]
झूट बोलते थे कितना फिर भी सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम।
[14]
खुदखुशी के लिए थोड़ा जहर काफी है
मगर जिंदगी जीने के लिए काफी जहर पीना पड़ता है।
[15]
माँ बाप की दुआ की के आगे तो तकदीर भी लाचार हो जाती है।
[16]
उसके दुश्मन बहुत है!
मतलब आदमी अच्छा ही होगा !!
[17]
कुछ इस तरह मैंने जिंदगी को आसान कर लिया,
किसी से माफ़ी मांग ली तो किसी को माफ़ कर दिया।
[18]
वक्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिए,
पर जिंदगी नहीं मिलती है वक़्त बदलने के लिये।
[19]
इज्जत इंसान की नहीं जरुरत की होती है,
जरुरत ख़तम तो इज्जत ख़तम!
[20]
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
एक कागज की नाव मुझ पे कैसे चल गई !
[21]
जिंदगी की हकीकत को बस इतना जाना है,
रोना अकेले ही है और हसने में साथ जमाना है !
[22]
लोग कहते है दुःख बुरा होता है जब भी आता है रुलाता है,
हम कहते है दुःख अच्छा होता है जब भी आता है कुछ नया सीखा जाता है!
[23]
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते रास्ते गवाह है
कमबख्त गवाही नहीं देते।
[24]
हर ख्वाब के मुकद्दर में हकीकत नहीं होती!
कुछ ख्वाब जिंदगी में महज ख्वाब ही रह जाते है !!
[25]
तजुर्बा इंसान को गलत फैसलों से बचाता है
लेकिन तजुर्बा भी गलत फैसलों से आता है !
[26]
ये दबदबा ये हुकूमत ये नशा और ये दौलत,
सब किराये दार है घर बदलते रहते है।
[27]
कुछ लोग बहोत दूर रहकर भी दिलो के पास होते है !
[28]
ये साली जिंदगी भी दोस्तों की बीअर और
गर्लफ्रेंड की टेडी बियर पर खर्च हुई जा रही है।
[29]
बड़ी इबादत से पूछा था मैंने खुदा से जन्नत का पता तो खुदा ने,
अपनी गोद से उतारकर माँ की बाहों में सुला दिया।
[30]
इस दुनिया की सच्चाई यह है की यहाँ सुनता नहीं फ़रियाद कोई किसी की,
यहाँ हसते है लोग तभी जब होता है बर्बाद कोइ।
''sacchi baatein जिंदगी की सच्ची बाते''
[31]
मिट्टी भी जमा की और खिलौने भी बना के देखा पर जिंदगी
कभी न मुस्कुराई फिर से बचपन की तरह !
[32]
असल में वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को गुलाल समझता है।
[33]
कमा के इतनी दौलत भी मैं अपनी माँ को ना दे पाया कुछ भी,
की जितने सिक्के से माँ मेरी नजर उतारकर फेंक दिया करती थी।
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