सच्ची बाते हिंदी में sachi bate in hindi
दुआ सलाम भी लोग हैसियत देख के करते है,
अपनी हैसियत का अंदाजा रोज हो जाता है।
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शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेगे,
वरना बुरे की तरफ देखता कौन है।
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शिर्फ़ एक शक्श नहीं मरता खुदखुशी से,
पूरा परिवार जिन्दा लाश बन जाता है।
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भूलकर भी अपने दिल की बात किसी से मत करना,
यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।
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''सच्ची बाते ''
सच्चे रिश्तो की खूबसूरती एक दूसरे की गलतियों को बर्दास्त करने में है,
क्यों की बिना कमी का इंसान तलाश करोगे तो अकेले ही रह जाओगे।
[6]
बड़ी अजीब होती है ये मौत भी, कभी कभी ये वहां होती है,
जहाँ लोग जिंदगी की दुआ मागने जाते है।
मुफ्त में शिर्फ़ माँ बाप का प्यार मिलता है,
इसके बाद दुनिया मे हर रिश्ते के लिए कुछ न कुछ चुकाना पड़ता है।
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गरीबो से करीब का रिश्ता भी छुपाते है लोग और
अमीरों से दूर का रिश्ता भी बढ़ा चढ़ा कर बताते है लोग।
बिखरने दो होठो पे हसी की फुहार को,
प्यार से बात कर लेने से दौलत कम नहीं होती।
दुनिया बर्थडे केक की तरह है,
अपना हिस्सा ले लेकिन बड़ा हिस्सा छोड़ दे।
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कुछ इसलिए भी पसंद आते है सच बोलने वाले लोग,
क्युकी वो खुद टूट जाते है पर किसीका दिल टूटने नहीं देते।
[12]
मुस्कुराने के मकसद न ढूढ़ वर्ना जिंदगी यूही कट जाएगी,
कभी बेवजह भी मुस्कुरा के देख तेरे साथ जिंदगी भी मुस्कुराएगी।
कहते है की वक्त सारे घाव भर देता है,
पर सच तो ये है की हम दर्द के साथ जीना सीख जाते है।
[14]
कुछ हसरते अधूरी ही रह जाए तो अच्छा है,
पूरी हो जाने पर दिल खाली सा हो जाता है।
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भरे बाजार से अक्सर खाली हाथ ही लौट आता हूँ
क्यों कि पहले पैसे नहीं थे और अब ख्वाहिशे नहीं रहीं।
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किसी दिन प्यास के बारे मे उससे पूछिये
जिसकी बाल्टी कुए मे रह जाती है और रस्सी टूट जाती है।
[17]
अपनी उम्र और पैसो पर कभी भी घमंड मत करना,
क्यों कि जो चीजे गिनी जा सके वो यकीनन खत्म हो जाती है।
[18]
किसकी समझूँ कीमत ये खुदा इस जहां मे
तू मिट्टी से इंसान बनाते हो और इंसान मिट्टी से तुझे।
[19]
दुनियाँ का उसूल है कि जब तक काम है
तब तक नाम है वरना दूर से ही सलाम है।
[20]
आपका जीवन महान हो इसके लिए
आपका विश्वाशआपके भय से बड़ा होना चाहिए।
[21]
जितना मैंने सोचा था जिंदगी उससे कहीं छोटी है।
[22]
मेरे अच्छे वक्त ने दुनिया को बताया कि मै कैसा हूँ
और मेरे बुरे वक्त ने मुझे बताया कि दुनिया कैसी है।
[23]
ना फिक्र कर की जमाना क्या सोचेगा
जमाने को अपनी ही फिक्र से फुर्सत कहाँ है।
[24]
कुछ एसे हादसे भी होते है जिंदगी मे
इंसान बच जाता है मगर जिंदा नहीं रहता है।
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नफ़रतों के बाजार मे जीने का अलग ही मजा है लोग
रुलाना नहीं छोड़ते और ज़िंदादिल हसाना नहीं छोड़ते।
[26]
कहीं बिखरी हुई बाते कहीं टूटा हुआ वादा,
ए जिंदगी बता क्या है तेरा किस्सा और क्या है तेरा इरादा।
[27]
कोई भी माँ बाप बेटी की पैदाइश से नहीं डरते
अगर वो डरते है तो बस बेटी के नसीब से ।
[28]
रिश्तों की डोर कमजोर तब होती है
जब इंसान गलतफहमी मे,पैदा होने वाले सवालो का जावाब भी खुद ही बना लता है।
[29]
किसी की तलाश मे मत निकलो क्योकि लोग खो नहीं बादल जाते है।
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बचपन मे जब धागो के बीच माचिस को फसाकर फोन फोन खेलते थे,
तब मालूम नहीं था एक दिन इस फोन मे जिंदगी सिमट चली जाएगी।
[31]
जिंदगी को इतना सीरियश लेनेकी कोई जरूरत नहीं है यारो
यहाँ से जिंदा बचकर कोई नहीं जाएगा ।
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