sachi bate image जिंदगी की कुछ सच्ची और अच्छी बाते
Not long ago, a man punished his 3-year-old daughter for ruining a roll of gold wrapping paper. Money was tight and he became infamous when the child tried to decorate a box under the Christmas tree.
Nevertheless, the next morning the little girl brought the present to her father and said, "This is for you, Daddy."
The man was at first embarrassed by his exuberance, but his anger continued when he saw that the box was empty. he shouted at her; "Don't you know, when you give a present to someone, there must be something inside?"
[1]
हसरतो को जिंदगी का नाम दे दिया,
कमबख्त एक रोज पूरी तो होगी।
[2]
भीड़ के साथ गलत दिशा में चलने की तुलना में,
अकेले चलना ही बेहतर है।
[3]
जब वक्त करवट लेता है न दोस्तों,
तब जिंदगियाँ पलट जाती है।
[4]
जीवन से बचकर आप शांति नहीं पा सकते।
[5]
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दुसरो पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।
[6]
झुको वहां जहाँ किसी के दिल में,
आपको झुकाने की जिद ना हो।
[7]
जिंदगी में कई ऐसे लोग भी मिलते है,
जिन्हें हम पा नहीं सकते शिर्फ़ चाह सकते है।
[8]
जीवन आनद लेने के लिए है, सहने के लिए नहीं।
[9]
किस्मत और लड़की धोखे भले ही देती है,
लेकिन जब साथ देती है तो जिंदगी बदल जाती है।
[10]
कल एक इंसान रोटी मगकर ले गया और करोडो कि दुआए दे गया,
पता ही नहीं चला की गरीब वो था या मै।
[11]
हर गुनाह ''कबूल'' है ''हमें''
बस ''शर्त'' ये है कि
सजा देने वाला ''बेकसूर'' हो।
[12]
रोटियाँ उन्ही की थालियों से कूड़े तक जाती है,
जिन्हें एह्साह ही नहीं होता की भूख क्या है।
[13]
बदनामी का डर तो उसे होता है,
जिसमे नाम कमाने की हिम्मत नहीं होती।
[14]
मुस्कुराना हर किसी के बस की बात नहीं है,
मुस्कुरा वो ही सकता है जो दिल का अमीर हो।
[15]
बदल जाती है जिंदगी की सच्चाई उस वक्त ,
जब कोई तुम्हारा, तुम्हारे सामने,तुम्हारा नहीं रहता।
[16]
जिंदगी भर नए दोस्त बनाते रहो।
[17]
गरीब की Hi किसी को नहीं चाहिए,
और अमीर की Hi सबको पसंद है।
[18]
खुदा करे हर किसी को कोई एसा अपना मिले,
जो उसे कभी किसी भी हाल में रोने ना दे।
[19]
मुझे तलाश है उन रास्तो की जहाँ से कोई गुजरा न हो,
सुना है वीरानो ने अक्सर जिंदगी मिल जाती है।
[20]
सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती,
मै अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना।
[21]
कोई भी इंसान उसी ब्यक्ति की बाते चुपचाप सुनता है,
जिसे खो देने का डर उसे सबसे ज्यादा होता है।
[22]
चलने को तो एक पाँव से भी चल रहे है लोग,
पर दूसरा भी साथ दे तो और अच्छी बात है।
[23]
मजाक किसी की जिंदगी में हो तो ही ठीक है,
किसी की जिंदगी से नहीं होना चाहिए।
[24]
अगर किसी चीज का गुरुर आने लगे तो,
एक चक्कर कब्रिस्तान का लगा लिया करो,
वहां आपसे भी बेहतर इंसान मिट्टी के नीचे दफन है।
[25]
भरा है दिल इस तरह ख्वाहिशो से,
जरा सी जगह को तरसते है रिश्ते।
[26]
जहाँ कमरों में कैद हो जाती है जिंदगी,
लोग उसे शहर कहते है।
[27]
जिसमे याद ना आये वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते ना बने वो खुदाई किस काम की,
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है,
पर जहाँ से अपने ना दिखाई दे वो ऊंचाई किस काम की।
[28]
मेहनत कर ली अपनी हैसियत थी जितनी,
अब बारी तकदीर की है हैसियत दिखने की।
[29]
जिंदगी अपने आप को ढूंढने का नाम नहीं है,
बल्कि जिंदगी अपने आपको बनाने का नाम है।
[30]
एक अर्थी बनाने वाले ने भी क्या बात कही है,
लोग मर रहे है इसलिए मेरा परिवार जिन्दा है।
[31]
उसी से बांध के बैठे है हम सारी उम्मीदे,
वो है जिंदगी जो किसी के साथ वफ़ा नहीं करती।
sachi bate image जिंदगी की कुछ सच्ची और अच्छी बाते
चुम्बन के बॉक्स पूर्ण (प्यार)
चुम्बन के बॉक्स पूर्ण (प्रेरणादायक लघु कथाएँ)
कुछ समय पहले, एक व्यक्ति ने अपनी 3 वर्षीय बेटी को सोने के रैपिंग पेपर के रोल को बर्बाद करने के लिए दंडित किया। पैसा तंग था और वह तब बदनाम हो गया जब बच्चे ने क्रिसमस के पेड़ के नीचे एक बॉक्स को सजाने की कोशिश की।
फिर भी, छोटी लड़की ने अगली सुबह अपने पिता के लिए उपहार लाया और कहा, "यह आपके लिए है, डैडी।"
वह आदमी पहले अपने अतिउत्साह से शर्मिंदा हो गया, लेकिन उसका क्रोध जारी है जब उसने देखा कि बॉक्स खाली था। वह उस पर चिल्लाया; "क्या आप नहीं जानते, जब आप किसी को वर्तमान देते हैं, तो अंदर कुछ होना चाहिए?"
छोटी लड़की ने उसकी आँखों में आँसू के साथ देखा और रोया;
"ओह, डैडी, यह बिल्कुल भी खाली नहीं है। मैं बॉक्स में चुंबन उड़ा दिया। वे आपके लिए सभी हैं, डैडी। "
पिता को कुचल दिया गया था। उसने अपनी छोटी लड़की के चारों ओर अपनी बाहें डाल दीं, और वह उससे क्षमा मांगता रहा।
कुछ समय बाद ही एक दुर्घटना ने बच्चे की जान ले ली।
उसके पिता ने कई वर्षों के लिए अपने बिस्तर से सोने बॉक्स रखा और, जब भी वह हतोत्साहित किया गया है, वह एक काल्पनिक चुंबन बाहर ले जाना और बच्चा जो यह वहाँ रखा था के प्यार याद होगा।
कहानी की शिक्षा:
प्यार दुनिया का सबसे अनमोल तोहफा है।
बन्दर और सुगरी-
सुन्दर वन में ठण्ड दस्तक दे रही थी , सभी जानवर आने वाले कठिन मौसम के लिए तैयारी करने में लगे हुए थे . सुगरी चिड़िया भी उनमे से एक थी , हर साल की तरह उसने अपने लिए एक शानदार घोंसला तैयार किया था और अचानक होने वाली बारिश और ठण्ड से बचने के लिए उसे चारो तरफ से घांस -फूंस से ढक दिया था .
सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन अचानक ही बिजली कड़कने लगी और देखते – देखते घनघोर वर्षा होने लगी , बेमौसम आई बारिश से ठण्ड भी बढ़ गयी और सभी जानवर अपने -अपने घरों की तरफ भागने लगे . सुगरी भी तेजी दिखाते हुए अपने घोंसले में वापस आ गई , और आराम करने लगी . उसे आये अभी कुछ ही वक़्त बीता था कि एक बन्दर खुद को बचाने के लिए पेड़ के नीचे आ पहुंचा .
सुगरी ने बन्दर को देखते ही कहा – “ तुम इतने होशियार बने फिरते हो तो भला ऐसे मौसम से बचने के लिए घर क्यों नहीं बनाया ?” यह सुनकर बन्दर को गुस्सा आया लेकिन वह चुप ही रहा और पेड़ की आड़ में खुद को बचाने का प्रयास करने लगा थोड़ी देर शांत रहने के बाद सुगरी फिर बोली, पूरी गर्मी इधर उधर आलस में बिता दी…अच्छा होता अपने लिए एक घर बना लेते!!!” यह सुन बन्दर ने गुस्से में कहा, ” तुम अपने से मतलब रखो , मेरी चिंता छोड़ दो .”
सुगरी शांत हो गयी. बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी और हवाएं भी तेज चल रही थीं, बेचारा बन्दर ठण्ड से काँप रहा था, और खुद को ढंकने की भरसक कोशिश कर रहा था.पर सुगरी ने तो मानो उसे छेड़ने की कसम खा रखी थी, वह फिर बोली, ” काश कि तुमने थोड़ी अकल दिखाई होती तो आज इस हालत….”
सुगरी ने अभी अपनी बात ख़तम भी नहीं की थी कि बन्दर बौखलाते हुए बोला, ” एक दम चुप, अपना ये बार-बार फुसफुसाना बंद करो ….. ये ज्ञान की बाते अपने पास रखो और पंडित बनने की कोशिश मत करो.” सुगरी चुप हो गयी.
अब तक काफी पानी गिर चुका था , बन्दर बिलकुल भीग गया था और बुरी तरह काँप रहा था. इतने में सुगरी से रहा नहीं गया और वो फिर बोली , ” कम से कम अब घर बनाना सीख लेना.” इतना सुनते ही बन्दर तुरंत पेड़ पर चढ़ने लगा भले मैं घर बनाना नहीं जानता लेकिन मुझे तोडना अच्छे से आता है..”, और ये कहते हुए उसने सुगरी का घोंसला तहस नहस कर दिया. अब सुगरी भी बन्दर की तरह बेघर हो चुकी थी और ठण्ड से काँप रही थी.
दोस्तों, ऐसा बहुत बार होता है कि लोग मुसीबत में पड़े व्यक्ति की मदद कतरने की बजाये उसे दुनिया भर की नसीहत देने लगते हैं. वयस्क होने के नाते हर कोई अपनी इस्थिति के लिए खुद जिम्मेदार है. हम एक शुभचिंतक के रूप में उसे एक-आध बार सलाह तो दे सकते हाँ पर उसकी किसी कमी के लिए बार कोसना हमें सुगरी चिड़िया की हालत में पंहुचा सकता है. इसलिए किसी मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद कर सकते हैं तो करिए पर उसे बेकार के उपदेश मत दीजिये.
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