sachi bate pic in hindi सच्ची बाते with फोटो | Inspirational Hindi Stories

आज हम आपके साथ share करने जा रहे है Sachi bate pic in hindi सच्ची बाते with फोटो। 

In a small Italian town, hundreds of years ago, a small business owner had a large sum of money for a loan-shard. Lone-Shark was a very old, ugly looking boy who used to ensnare the business owner's daughter.

He decided to offer the businessman a deal that would completely wipe out the debt owed to him. The catch, however, was that we would only wipe out the debt if he could marry the businessman's daughter.

[1]
sachi bate pic in hindi
'' सच्ची बाते ''

एक सबेरा था जब हँसकर उठते थे हम 
और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है। 

[2]
बदलते तो इंसान है 
वक्त तो एक बहाना है। 

[3]
बड़े अनमोल है ये खून के रिश्ते,इनको तू बेकार न कर,
मेरा हिस्सा भी तू लेले मेरे भाई घर के अगन में दिवार न कर। 

[4]
जिंदगी अपने हिसाब से जीना चाहिए,
औरो के कहने पर तो सर्कस में शेर भी नाचता है।

[5]
न किस्सों  से और न किश्तों से,
ये जिंदगी बनती है कुछ रिश्तो से।

[6]
इससे बड़ी democracy क्या होगी,
अपने देश में ज्यादातर सरकारी अफसर 
खुद को प्रधानमंत्री समझते है।

[7]
वास्तविकता मेरे जीवन को बर्बाद करते जा रही है।

[8]
जरा सी आहट से वो जाग जाता है रातो में,
खुदा अगर बेटी दे गरीब को तो दरवाजा भी दे।

[9]
जिंदगी में दो शब्द कहने में काफी मुश्किल होता है।,
पहली बात किसी अजनबी से हेलो और आखरी बार किसी अपने से अलबिदा।

[10]
मेरा दर्द किसी के हसने की वजह जरुर बन सकता है,
लेकिन मेरी हंसी  किसी के दर्द की वजह नहीं बननी चाहिए।

[11]
ये जो नरम दिल लोग होते है ना 
ये लोग गुस्से में भी रोने लगते है। 

[12]
दुनिया में सब मतलबी होते है कोई किसी का नहीं होता है।

[13]
-जिम्मेदारियां मजबूर कर देती है अपना गाव छोड़ने को,
वरना कौन अपनी गली में जीना नहीं चाहता।

[14]
sachi bate pic in hindi
जिंदगी एक बार ही सही लेकिन ऐसे शक्श से जरुर मिलवाती है, 
जिसके साथ हम अपना सबकुछ बाँट लेना चाहते है।

[15]
कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं,
हारा वही जो दिल से लड़ा नहीं।

[16]
गाव में छोड़ आये हजार गज की बुजुर्गो की हवेली,
वो शहर में सौ गज में रहने को खुद की तरक्की कहते है।

[17]
चेहरा बता रहा था की मारा है भूख ने,
और लोग कह रहे थे की कुछ खा के मारा है।

[18]
सफ़र जिंदगी का बहुत ही हसीन है,
सभी को किसी न किसी की तलाश है,
किसी के पास मंजिल है तो राह नहीं,
और जिसके पास राह है तो मंजिल नहीं।

[19]
पहचान कफ़न से नहीं होती है दोस्तों,
लाश के पीछे काफिला बयाँ कर देता है
 की रुतवा किस हस्ती का है।

[20]
धुएं की तरह उड़ना सीखिए
 जलना तो लोग भी सीख जाते है।

[21]
वक्त बड़ा अजीब होता है,इसके साथ चलो तो किस्मत बदल देता है, 
और न चलो तो किस्मत को ही बदल देता है।

[22]
ए उम्र कुछ कहा मैंने पर शायद तूने सुना नहीं,
तू छीन सकती है बचपन मेरा पर बचपना नहीं।

[23]
सच सुनने से ना जाने क्यों कतराते है लोग,
तारीफ चाहे झूठी हो सुनकर खूब मुस्कुराते है लोग।

[24]
पर क्या लगे की घोंसले से उड़ गए सभी,
माँ फिर अकेली रह गयी बच्चे को पाल कर।

[25]
जिंदगी सभी के लिए वही है, फर्क शिर्फ़ इतना है कोई दिल से जी रहा है 
और कोई दिल रखने के लिए जी रहा है।  

[26]
कान के कच्चे कुछ लोग 
अपनी उन गलतियों के लिए नाराज रहते है,
जो आपने कभी की ही नहीं। 

[27]
जिंदगी लोगो से प्रेम करने, उनकी सेवा करने, 
उन्हें सशक्त बनाने 
और उन्हें प्रोत्साहित करने का नाम है। 

[28]
दो पल की जिंदगी है इन्हें जीने के शिर्फ़ दो उसूल बना लो, 
रहो तो फूलो की तरह और बिखरो तो खुशबू की तरह।

[29]
मीठी बाते ना कर ये नादान परिंदे,
इंसान सुन लेगा तो पिंजरा ले आएगा।  

[30]
इंसानों की बस्ती में रहता हु साहेब,
कौन कहता है की मै खतरों का खिलाडी नहीं। 

[31]
हम जो मिल जाते है आसानी से,
लोग समझते है की बेकार है हम।

आउट ऑफ द बॉक्स (रचनात्मक सोच)
एक छोटे से इतालवी शहर में, सैकड़ों साल पहले, एक छोटे व्यवसाय के मालिक के पास ऋण-शार्क के लिए बड़ी राशि थी। लोन-शार्क एक बहुत पुराना, बदसूरत दिखने वाला लड़का था, जो कि व्यवसाय के मालिक की बेटी को फंसाता था।
उसने व्यवसायी को एक ऐसा सौदा देने का फैसला किया जो उसके द्वारा दिए गए कर्ज को पूरी तरह से मिटा देगा। हालाँकि, पकड़ यह थी कि हम केवल ऋण का ही सफाया करेंगे यदि वह व्यवसायी की बेटी से विवाह कर सकता है।

कहने की जरूरत नहीं है कि इस प्रस्ताव को घृणा की दृष्टि से देखा गया था।
लोन-शार्क ने कहा कि वह एक बैग में दो कंकड़ डालेंगे, एक सफेद और एक काला।

बेटी को फिर बैग में पहुंचना होगा और एक कंकड़ चुनना होगा। यदि यह काला होता, तो ऋण मिटा दिया जाता, लेकिन ऋण-शार्क उसके साथ विवाह कर लेता। यदि यह सफेद होता, तो ऋण भी मिटा दिया जाता, लेकिन बेटी को ऋण-शार्क से शादी नहीं करनी होती।

व्यवसायी के बगीचे में कंकड़-पत्थरों वाले रास्ते पर खड़े होकर, ऋण-शार्क ने झुककर दो कंकड़ उठा लिए।

जब भी वह उन्हें उठा रहा था, बेटी ने देखा कि उसने दो काले कंकड़ उठाए हैं और उन दोनों को बैग में रख दिया है।

उन्होंने तब बेटी से बैग में पहुंचने और एक को लेने के लिए कहा।
बेटी के पास स्वाभाविक रूप से तीन विकल्प थे कि वह क्या कर सकती थी:

बैग से एक कंकड़ लेने से इनकार।
दोनों कंकड़ बैग से बाहर निकालें और धोखाधड़ी के लिए ऋण-शार्क को बेनकाब करें।
बैग से एक कंकड़ उठाकर पूरी तरह से यह जानकर कि वह काला था और अपने पिता की स्वतंत्रता के लिए खुद को बलिदान कर दिया।
उसने थैले से एक कंकड़ बाहर निकाला, और इसे देखने से पहले ’गलती से’ इसे अन्य कंकड़ के बीच में गिरा दिया। उसने लोन-शार्क से कहा;

“ओह, मैं कितना अनाड़ी हूं। कोई बात नहीं, यदि आप उस बचे हुए बैग को देखते हैं, तो आप बता पाएंगे कि मैंने कौन सा कंकड़ उठाया। "

बैग में बचा कंकड़ स्पष्ट रूप से काला है, और लोन-शार्क के रूप में उजागर नहीं होने के कारण, उसे यह भी खेलना पड़ता था जैसे कि बेटी द्वारा गिराया गया कंकड़ सफेद था, और अपने पिता के कर्ज को साफ कर दिया।

कहानी की शिक्षा:
यह पूरे बॉक्स की सोच में एक कठिन स्थिति को दूर करने के लिए हमेशा संभव है, और केवल उन विकल्पों को न दें जिन्हें आपको लगता है कि आपको चुनना है।

बाज की उड़ान-
एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्डों के बीच आ गया. कुछ दिनों  बाद उन अण्डों में से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमे से एक था.

वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा. वो वही करता जो बाकी चूजे करते, मिटटी में इधर-उधर खेलता, दाना चुगता और दिन भर उन्हीकी तरह चूँ-चूँ करता. बाकी चूजों की तरह वो भी बस थोडा सा ही ऊपर उड़ पाता , और पंख फड़-फडाते हुए नीचे आ जाता . फिर एक दिन उसने एक बाज को खुले आकाश में उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेधड़क उड़ रहा था. तब उसने बाकी चूजों से पूछा, कि-” इतनी उचाई पर उड़ने वाला वो शानदार पक्षी कौन है?”

तब चूजों ने कहा-” अरे वो बाज है, पक्षियों का राजा, वो बहुत ही ताकतवर और विशाल है , लेकिन तुम उसकी तरह नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम तो एक चूजे हो!”

बाज के बच्चे ने इसे सच मान लिया और कभी वैसा बनने की कोशिश नहीं की. वो ज़िन्दगी भर चूजों की तरह रहा, और एक दिन बिना अपनी असली ताकत पहचाने ही मर गया.

 दोस्तों , हममें से बहुत से लोग  उस बाज की तरह ही अपना असली potential जाने बिना एक second-class ज़िन्दगी जीते रहते हैं, हमारे आस-पास की mediocrity हमें भी mediocre बना देती है.हम में ये भूल जाते हैं कि हम आपार संभावनाओं से पूर्ण एक प्राणी हैं. हमारे लिए इस जग में कुछ भी असंभव नहीं है,पर फिर भी बस एक औसत जीवन जी के हम इतने बड़े मौके को गँवा देते हैं.

आप चूजों  की तरह मत बनिए , अपने आप पर ,अपनी काबिलियत पर भरोसा कीजिए. आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर  दिखाइए  क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है.

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